DDC Full Form

DDC Full Form – DDC क्या होता है ? इसकी चुनाव प्रक्रिया

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इस पोस्ट में हम DDC के बारे में विस्तार से जानेंगे, जैसे कि DDC क्या है, DDC full form क्या है, और DDC election और इसके functions कैसे होते हैं। यदि आप इन सभी पहलुओं के बारे में जानना चाहते हैं, तो इस पोस्ट को आखिर तक पढ़ें ताकि आपको DDC से जुड़ी सभी जानकारी इस पोस्ट में मिल सके।

DDC क्या होता है ?

भारत में विभिन्न विकास कार्यों के लिए कई परिषदों का गठन किया गया है, जिनमें से अधिकांश राज्यों में District Development Board (DDB) होता है। हालांकि, कुछ केंद्र शासित प्रदेशों, जैसे Jammu & Kashmir, में District Development Council (DDC) का गठन किया जाता है, जो उस राज्य में विकास कार्यों की समीक्षा करती है।

Jammu & Kashmir Panchayati Raj Act, 1989 के तहत, केंद्र शासित प्रदेश में DDC का गठन किया जाएगा, जिसमें municipalities और Nagar Panchayats को शामिल नहीं किया जा सकता है।

ddc full form

DDC का फुल फॉर्म District Development Council (जिला विकास परिषद) होता है। हिंदी में इसे जिला विकास परिषद के नाम से जाना जाता है।

DDC के क्या कार्य होते हैं |

DDC (District Development Council) का मुख्य कार्य अपने जिले में विकास कार्यों को सुनिश्चित करना होता है। इसका ध्यान स्वास्थ्य, वित्त, विकास, सार्वजनिक कार्यों, और शिक्षा जैसे पाँच प्रमुख क्षेत्रों की समितियों के साथ समन्वय पर केंद्रित होता है। DDC का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केंद्र शासित प्रदेश में विकास कार्यों में कोई देरी या कमी न हो और सभी समितियों को पूरा सहयोग मिले। इसी उद्देश्य से DDC का गठन किया गया है, क्योंकि इसका फुल फॉर्म ही जिला विकास परिषद है।

DDC का चुनाव कैसे होता हैं |

जैसा कि पहले बताया गया है, DDC (District Development Council) का चुनाव केवल केंद्र शासित प्रदेशों में होता है। इसका कार्यकाल भी अन्य चुनावों की तरह 5 साल का होता है। हर 5 वर्षों में DDC का गठन किया जाता है।

अगर DDC की चुनाव प्रक्रिया की बात करें, तो यह अन्य चुनावों से थोड़ी अलग होती है। इस चुनाव में खंड विकास अध्यक्ष (Block Development Chairperson) और जिले के निर्वाचित सदस्य वोटिंग करते हैं। इनकी वोटिंग प्रक्रिया के बाद ही DDC का गठन होता है।

DDC और BDC में क्या अंतर होता हैं |

DDC (District Development Council) और BDC (Block Development Council) के बीच अंतर की बात करें, तो DDC का चुनाव केवल केंद्र शासित प्रदेशों में होता है, जबकि BDC का चुनाव उन राज्यों में होता है जो केंद्र शासित प्रदेश नहीं हैं, जैसे उत्तर प्रदेश।

चुनाव प्रक्रिया में भी अंतर है। DDC का चुनाव खंड विकास अध्यक्ष और जिला निर्वाचित सदस्य द्वारा वोटिंग से होता है, जबकि BDC का चुनाव जनता के सीधे वोटिंग से किया जाता है।

दोनों का कार्यकाल 5 साल का होता है और यह समय-समय पर पुनः आयोजित किए जाते हैं।

जहां DDC जिले के विकास कार्यों पर ध्यान देता है, वहीं BDC ब्लॉक स्तर पर विकास योजनाओं को लागू करने और उन पर नजर रखने का कार्य करता है।

DDC की सैलरी क्या होती है |

जैसा कि पहले बताया गया है, DDC (District Development Council) का मुख्य उद्देश्य अपने क्षेत्र के विकास कार्यों को गति देना है। लेकिन क्या आपको पता है कि DDC के सदस्यों की सैलरी कितनी होती है?

धारा 370 के हटने के बाद, अब केंद्र सरकार ने DDC के सदस्यों के लिए सैलरी फिक्स करने का फैसला लिया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, DDC चेयरमैन को ₹35,000 मानदेय, उपाध्यक्ष को ₹25,000 और सदस्यों को ₹15,000 प्रतिमाह दिए जाने के आदेश जारी किए गए हैं।

पहले, जब जम्मू-कश्मीर में धारा 370 लागू थी, तब DDC के चुनाव नहीं होते थे। लेकिन अब, धारा 370 के हटने के बाद, इन चुनावों के साथ-साथ इन पदाधिकारियों को सैलरी भी मिल रही है।

Conclusion

आज के इस आर्टिकल में हमने DDC (District Development Council) के बारे में विस्तार से जानकारी साझा करने की कोशिश की है। इसमें आपने जाना कि DDC क्या है, इसका Full Form, इसकी सैलरी, और इसकी चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातें।

अगर आपके मन में इससे संबंधित कोई सवाल है, तो आप हमसे पूछ सकते हैं। साथ ही, आपको यह जानकारी कैसी लगी, यह हमें जरूर बताएं। इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें ताकि वे भी इस जानकारी का लाभ उठा सकें!

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